Verse 1
कुछ ना रह गया अब बाकी ख्वाहिशें मेरी अब ना रहीं
इलतिजा बस तुझसे ही मिलने की लबरेज़ तेरे रुह से होने की
Pre-chorus
मैं तो माटी हूँ उठाले ख़ाली हूँ भर दे,
मैं तो माटी हूँ उठाले खाली हूँ भर दे
Chorus
आया हूँ मैं तेरे दर पर निगाहें करम कर तू मुझपे फज़ल कर
बैठा हूँ लगा के आस तुझसे हो दीदार मेरा तेरे रुह से
हो मुलाकात येशु से
Verse 2
रुह से अपने तू चला मुझको रूह में तेरे अब मैं बढ़ सकूँ
गहराइयों में ले चल प्रभु महरूम तेरे रुह से मैं ना रहूँ
Bridge
तेरे रुह की बारिश में भीगूँ मैं हो के सराबोर डूबू मैं
तृप्त तेरे रुह से हो जाउँ सैलाब तेरे रुह का यूँ उमड़े